Menu
blogid : 16 postid : 173

जलवायु परिवर्तन पर स्वार्थ् भारी

राजनीतिक सरगर्मियॉ
राजनीतिक सरगर्मियॉ
  • 67 Posts
  • 533 Comments

कोपेनहेगेन जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के आखिर में  अंततः उसी समझौते को पारित कर दिया गया जिसका ड्राफ्ट  अमरीका ने भारत, ब्राज़ील और चीन सहित कुछ विकासशील देशों के साथ मिलकर बनाया  था. इस समझौते में कई महत्वपूर्ण प्रावधान हैं, पर इनमें कुछ भी बाध्यकारी ना होने के कारण यह स्वयं ही अर्थहीन हो जाता है.

इसमें कहा गया है कि इस सहमति पर हस्ताक्षर करने वाले देश जलवायु परिवर्तन की गंभीरता को समझते हैं और पृथ्वी के तापमान में दो डिग्री सेल्सियस से अधिक की बढ़ोतरी नहीं होने देने की दिशा में मिलकर काम करेंगे. ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में बड़े पैमाने पर कटौती की आवश्यकता है, ताकि पृथ्वी के तापमान को बढ़ने से रोका जा सके. लेकिन यह नहीं बताया गया है कि कौन देश कितनी कटौती और कब तक करेगा.

जलवायु परिवर्तन से निबटने के आर्थिक पक्ष के बारे में भी थोड़ी जानकारी दी गई है, जिसमें कहा गया है कि वर्ष 2020 तक विकसित देश इस काम के लिए सौ अरब डॉलर के दीर्घकालिक कोष के लिए धन जुटाने की दिशा में मिलकर काम करेंगे.657b96f0592803e25a4f07166fff289adoggy_style_1 यह धन कई स्रोतों से आएगा और इस धन के उपयोग के लिए जो व्यवस्था बनेगी उसमें विकसित और विकासशील दोनों तरह के देशों को बराबर भागीदारी दी जाएगी.

समझौते पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे देशों को भी हर संभव सहायता दी जाएगी और उनकी राष्ट्रीय संप्रभुता का सम्मान किया जाएगा, लेकिन ये भी कहा गया है कि अगर किसी देश को जलवायु परिवर्तन से निबटने के लिए कोई आर्थिक सहायता दी जाएगी तो उसके लिए एक तय प्रक्रिया का पालन किया जाएगा.

इतने हो-हल्ले के बाद भी कोपेनहेगेन में कुछ भी हासिल नहीं हो सका तो इस पर ज्यादा आश्चर्य नहीं होना चाहिए. यह तो पहले से विदित तथ्य है कि अमीर देश किसी भी हालत में ऐसे किसी भी मुद्दे पर सहमत नहीं होंगे जिससे उनका औद्योगिक विकास प्रभावित होता हो और इसके लिए हर प्रकार का अड़ंगा लगाएंगे.

सम्मेलन के दौरान बार-बार विकासशील् देशों द्वारा बहिष्कार की धमकी देने के बावजूद भी अंततः वही हुआ जो विकसित देशों की मंशा थी. ऐसे में कम विकसित देशों को अपनी एकजुटता को बनाए रखकर विकसित देशों को दबाव में लाने की कोशिश जारी रखनी होगी.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh