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इस बार के आईपीएल एपिसोड पार्ट-3 की नीलामी पूरे जोर-शोर से सम्पन्न हुई. लेकिन इस फटाफट क्रिकेट में पाकिस्तान के किसी भी क्रिकेटर की एंट्री नहीं हो पाई जिससे क्रिकेट मैचों की रोचकता पर जरूर असर होगा. इस मसले पर पाकिस्तानी मीडिया सहित अन्य हलकों में यह कहा जा रहा है कि गत एक बरस से भारत उनकी छवि बिगाड़ने और वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है. इतना ही नहीं नीलामी के तुरंत बाद ही पाकिस्तान ने भारत पर आरोपों की बौछार कर दी और कहा कि इस अपमानजक व्यवहार के बाद कोई भी संसदीय दल भारत नहीं भेजा जाएगा.
हालांकि भारत सरकार ने अपना स्पष्टीकरण यह कह कर दे दिया कि उसका आईपीएल में खिलाड़ियों के चयन और इससे जुड़ी विभिन्न कार्रवाई से कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन ट्वेंटी-20 चैंपियन पाकिस्तान के किसी भी खिलाड़ी का इस टूर्नामेंट के लिए ना चुना जाना निश्चित रूप से चौंकाने वाला तो है ही, इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह जानना है कि इसके पीछे कोई सोची-समझी रणनीति तो नहीं है.
क्या फर्क पड़ सकता है
आईपीएल एपिसोड पार्ट-3 की नीलामी में किसी पाकिस्तानी क्रिकेटर के नहीं लिए जाने से जो बात सबसे पहले होनी है वह है भारत की खेल कूटनीति पर प्रभाव. अभी तक विदेश संबंध के मामले में इस नीति को महत्वपूर्ण माना जाता रहा है लेकिन इस घटना के पश्चात देखना है कि सरकार का अगला कदम क्या होगा.
आईपीएल के लिए पाकिस्तानी खिलाड़ियों का क्रेज हाई रहता आया है. किंतु इस बार के आईपीएल में किसी भी पाकिस्तानी खिलाड़ी के नहीं होने से मैच पहले जितने मजेदार तो नहीं ही होंगे.
पता नहीं आईपीएल ने अभी तक इससे होने वाले आर्थिक नुकसान का आंकलन किया या नहीं परंतु इतना तो तय है कि फायदे पर जरूर असर होगा और पिछले आईपीएल के मुकाबले जितना धन इस बार नहीं मिल पाएगा.
वैश्विक स्तर पर इससे भ्रम पैदा होगा तथा नीलामी की विश्वसनीयता पर भी आंच आ सकती है.
खैर कुछ भी हो लेकिन एक बात तो शर्तिया कही जा सकती है कि इस बार का आईपीएल पहले के एपीसोडों जैसा रोमांचक नहीं रहेगा.
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